पूजा सेवाएँ
एकादशी व्रत कथा
एकादशी व्रत भगवान विष्णु/कृष्ण के लिए किया जाता है। इस व्रत और उद्यापन को करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे जीवन में खुशियां प्राप्त होती हैं। एकादशी व्रत का समापन तभी पूर्ण माना जाता है जब इसे विधि-विधान से किया जाए, उद्यापन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हम जो व्रत रखते हैं उसके साक्षी सभी देवी-देवता, यक्ष, नाग आदि होते हैं, ऐसे में इस दौरान व्रत करना जरूरी होता है। उद्यापन, पूजा और हवन करने से सभी देवी-देवताओं को अपना भाग मिलता है, इस दौरान किए गए दान से व्रत पूरा होता है और कर्ता को मनचाहा फल मिलता है। गौरी, गणेश, कलश, नवग्रह पूजा करके एकादशी उद्यापन किया जाता है। विष्णु आवाहन और प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। विष्णुजी प्रतिमा का अभिषेक किया जाता है, कथा श्रवणम किया जाता है और हवन किया जाता है। अंत में दान में, दक्षिणा ब्राह्मणों को दी जाती है और दान दम्पति (विवाहित जोड़े) को दिया जाता है। शुक्ल पक्ष की एकादशी में एकादशी का उद्यापन किया जा सकता है।कादशी, भगवान विष्णु को समर्पित एक हिंदू त्योहार है। इस दिन भक्त हवन और कीर्तन भजन सहित विभिन्न अनुष्ठानों के माध्यम से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
एकादशी उद्यापन,कथा के लाभ
एकादशी उद्यापन दो दिन का कार्यक्रम होता है पहले दिन एकादशी को व्रत के साथ पूजा होती है तथा द्वादशी को हवन करके २४या१२ ब्राह्मणों को दान देकर भोजन करवाया जाता है।
- यह पूजा एकादशी व्रत के सफल समापन का प्रतीक है।
- इस व्रत पूजा को करने से दम्पतियों को वैवाहिक सुख की प्राप्ति होगी।
- यह मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है।
- घर की शांति और सुख- समृद्धि के लिए भगवान विष्णु की पूजा विशेष लाभकारी होती है।
- यह जोड़ों के बीच एक आध्यात्मिक आशीर्वाद और बंधन है। इससे दोनों परिवारों के बीच रिश्ते मजबूत होते हैं।
हमारी सेवाएं
एकादशी उद्यापन उन एकादशियों व्रतों की संख्या के पूरा होने का प्रतीक है जिनके लिए संकल्प लिया गया था। यह कर्ता को वांछित परिणाम और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है। श्री पूजा सेवा के ऑनलाइन मंच द्वारा काशी के प्रसिद्ध,उच्च योग्य,अनुभवी शास्त्री,विदुषियो और पंडितो द्वारा पूरे विधि-विधान के माध्यम से अपनी परंपरा के अनुसार एकादशी उद्यापन, पूजन सम्पन्न करें। एकादशी उद्यापन, पूजन से सबंधित अधिक जानकारी के लिए (+91) 9910228714 अथवा (+91)7701961773 पर कॉल करें |
पं.शांति भूषण शुक्ल
एकादशी व्रत कथा उद्यापन,पूजन सारांश
एकादशी व्रत करके अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए "ओम नमो भगवते वासुदेवाय" या "ओम नमो नारायणाय" मंत्र का जाप करते रहें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एकादशी व्रत करने का लक्ष्य क्या है और किन अनुष्ठानों का पालन किया जाना चाहिए? हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, चंद्र माह के पखवाड़े के ग्यारहवें दिन को एकादशी दिन कहा जाता है। चंद्र कैलेंडर चक्र के अनुसार एकादशी एक पूर्णिमा या अमावस्या का दिन है। इस दिन का विशेष महत्व है जो मन, पांच कर्मेंद्रियों और पांच ज्ञानेंद्रियों सहित हमारे शरीर की 11 इंद्रियों का प्रतिनिधित्व करता है।