यज्ञ में देवताओं का आह्वान किया जाता है। उन्हें अग्नि के माध्यम से मंत्र बोलते हुए आहुतियां दी जाती हैं। विशेष यज्ञ,होम,हवन के आयोजन से जीवन में अशुभ ग्रहों के प्रभाव और अन्य कारणों से होने वाली पीड़ा को कम किया जा सकता है। इस अनुष्ठान को करने से अच्छा स्वास्थ्य, समृद्धि, सुखद वैवाहिक संबंध तथा और विशिष्ट लाभ मिलते हैं। वैदिक परंपरा में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान में यज्ञ अथवा होम (हवन) को एक अनिवार्य अंग माना जाता है। इससे देवताओं को आहुति देकर पुष्ट किया जाता है, साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध होता है। माना जाता है कि जहां यज्ञ किए जाते हैं, वहां पर साक्षात देवताओं का वास होता है। रामायण तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी कहा गया है कि सौ अश्वमेघ यज्ञ करने वाले व्यक्ति को इंद्र पद प्राप्त होता है। विविध मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शास्त्रों में बहुत से अनुष्ठान बताए गए हैं। इन सभी अनुष्ठानों में हवन या यज्ञ करना अनिवार्य माना गया है। इसके बिना अनुष्ठान विफल माना जाता है। अत: होम के द्वारा आप अनुष्ठान कर अपनी इच्छाएं पूर्ण कर सकते हैं।
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