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अंक ज्योतिष

अंक ज्योतिष से किसी व्यक्ति के भविष्य फल का आंकलन करने के लिए किसी पंचांग,जन्मपत्री या अन्य वस्तुओं की आवश्यकता नहीं रहती है।

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ज्योतिष शास्त्र

पं.शांति भूषण शुक्ल गुरुजी 32 साल के अनुभव और विशेषज्ञता के एक के साथ एक प्रसिद्ध और शीर्ष ज्योतिषी हैं। गुरुजी एक प्रसिद्ध ज्योतिषियों में से एक हैं जो ज्योतिष भाग्य में आपकी मदद करते हैं।

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वास्तु शास्त्र

यदि आप नए घर में शिफ्ट होने की योजना बना रहे हैं और आपकी संपत्ति में कोई वास्तु दोष है तो वास्तु शांति पूजा आपको मदद कर सकती है।

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हस्त शास्त्र

पं.शांति भूषण शुक्ल गुरुजी 32 साल के अनुभव और विशेषज्ञता के एक के साथ एक प्रसिद्ध और शीर्ष ज्योतिषी हैं। गुरुजी एक प्रसिद्ध ज्योतिषियों में से एक हैं जो ज्योतिष भाग्य में आपकी मदद करते हैं।

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शांति पूजा

शांति पूजा एक हिंदू प्रार्थना समारोह है जो शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह आम तौर पर किसी भी महत्वपूर्ण अवसर, जैसे कि शादी, की शुरुआत से पहले किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्यक्रम सुचारू रूप से और शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़े।

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उत्सव पूजा

हिंदू त्योहार धार्मिक उत्सव पूजा,समारोहों,अनुष्ठान,पूजा,प्रार्थना,उत्साह,संगीत,और धार्मिक या पारंपरिक चरित्र की अन्य गतिविधियों का संयोजन हैं।

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कथा

हिन्दू पौराणिक कथाएँ हिन्दू धर्म से सम्बन्धित पारम्परिक विवरणों का एक विशाल संग्रह है। यह महाभारत,रामायण,पुराण एवं साहित्य आदि,अनेक अन्य कृतियाँ जिनमें सबसे उल्लेखनीय है। भागवत पुराण;जिसे पंचम वेद का पद भी दिया गया है । इनके मूल में स्मृति ग्रन्थ और स्मार्त परम्परा है।

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पाठ और चालीसा

चालीसा में 40 लाइनें होती हैं जिन 40 पंक्तियों में हम अपने आराध्य की स्तुति करते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताते हैं तथा उनकी उपासना करते हैं। चालीसा 40 लाइन का वह मंत्र है जो आपके आराध्य की स्तुति में गाया जाता है। इसे जोर-जोर से गाया जाता है क्योंकि या यह शाबर मंत्रों की तरह ही कार्य करते हैं जो सामान्य भाषा में होते हैं। यह एक लय में होते हैं यानी कविता के रूप में होते हैं। जिन्हे पढ़ने व सुनने में बड़ा आनंद आता है।

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हवन और पूजन

हवन अथवा यज्ञ भारतीय परंपरा अथवा हिंदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है। कुण्ड में अग्नि के माध्यम से ईश्वर की उपासना करने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं। हैं तथा उनकी उपासना करते हैं। हवि, हव्य अथवा हविष्य वह पदार्थ हैं जिनकी अग्नि में आहुति दी जाती है। हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, त्रों की तरह ही कार्य करते हैं शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है। शुभकामना, स्वास्थ्य एवं समृद्धि इत्यादि के लिए भी हवन किया जाता है।

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कुंडली और जन्मपत्री

वैदिक ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के संपूर्ण जीवन को जन्म कुंडली के 12 भावों में बांटा गया है। प्रत्येक भाव का एक विशेष अर्थ है। इन भावों में स्थित राशि, नक्षत्र तथा ग्रहों का अध्ययन करने के बाद ही व्यक्ति का राशिफल पता जाता है। 12 भावों की स्थिति से व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य सभी के बारे में पता लगाया जाता है। यह व्यक्ति के जीवन के संपूर्ण क्षेत्रों की व्याख्या करते हैं। कुंडली में सभी 12 भावों का अपना-अपना विशेष कारकत्व होता है। आइये जानते हैं कुंडली के 12 भाव उनके स्वामी ग्रह और कारक ग्रह कौन से हैं।

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